स्विट्ज़रलैंड ने लगाया सार्वजनिक स्थानों पर नकाब और बुर्का पर प्रतिबंध।
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पूरी दुनिया में फ्रांस ही एक मात्रा ऐसा देश था जिसने साल 2011 में सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को बुर्का और नकाब पहनने पर प्रतिबंधित लगाने वाला यूरोप का पहला देश बन गया था और यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय ने इस निर्णय को ने 2014 में प्रतिबंध के फैसले को बरकरार रखा था।
बर्न: स्विट्जरलैंड ने दिन रविवार को जहाँ तक सभी सार्वजनिक स्थानों और पर चेहरे पर नक़ाब और बुर्का से चेहरे को पूर्ण रूप से ढकने पर प्रतिबंध लगे या ना लगे इसके इन्होने वहां पर इस बात को लेकर मतदान करने का निश्चय किया है। सार्वजानिक स्थानों आदि जगह पर बुरका और नकाब पहने के लिए किये गए मतदान के परिणाम को देखते हुए इस बात के समर्थन में कुल 51.21 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया।
जानकारी के अनुसार के , मतदाताओं द्वारा वहां की सरकार से आग्रह किया गया है की जो महिलाएं सभी सार्वजनिक स्थानों पर, सार्वजनिक कार्यालयों में, सार्वजनिक परिवहन पर, रेस्टोरेंट, दुकानों में और ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक स्थानों पर, चेहरे को बुर्के और नकाब से ढंकने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए।
इस मतदान के परिणाम को देखते हुए यह निर्णय लिया गया की सिर्फ विशेष स्थानों पर चेहरे को ढंकने की आज्ञा होगो, उनमें पूजा स्थल और अन्य पवित्र स्थल शामिल हैं। इसके अलावा, इसे स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों के मद्देनजर से देखते हुए उन स्थितियों में भी अनुमति दी जाएगी जहां उनके पारंपरिक "स्थानीय रीति रिवाज" जैसे कि कार्निवल है।
स्विस संगठन सरकार के द्वारा प्रेषित प्रस्ताव के अनुसार, पर्यटकों के लिए कोई अन्य आलोचना और प्रतिबन्ध नहीं होगा। दक्षिणपंथी स्विस पीपुल्स पार्टी के लोगो सहित कई संगठनो और गुटों द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव में इस्लाम धर्म का विशेष रूप से वर्णन नहीं किया गया है लेकिन स्विस मीडिया में इसे "बुर्का प्रतिबंध" के रूप में प्रकाशित और परिभाषित किया गया है।
अधिकतर तो लोगो ने भले ही इस बात के समर्थम में अपना वोट दिया हो लेकिन कुछ लोगो ने इस बात का विरोध भी जताया है जिससे इस बुरका और नकाब के प्रतिबन्ध वाली बात की काफी व्यापक रूप से निंदा की गई है, विशेष रूप से स्विस धार्मिक संगठनों, मानवाधिकार और नागरिक समूहों और संघीय सरकार द्वारा इस बात की आलोचना की गयी है।
स्विट्ज़रलैंड की स्विस काउंसिल ऑफ रिलिजन के अनुसार, जो स्विट्जरलैंड में सभी प्रमुख धर्म के धार्मिक समुदायों का प्रतिनिधित्व करता है, ने इस बात की निंदा करते हुए कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता सभी का अधिकार है और इसके अंतर्गत ड्रेस कोड जैसे आदि धार्मिक परम्पराओं की रक्षा करता है।जो की उनके धर्म की सम्मान के लिए होता है .
सीएनएन ने प्रेस वार्ता में बताया कि स्विस फेडरल काउंसिल, जो देश की संघीय सरकार के रूप में कार्य करती है, और स्विस संसद ने भी इस पहल को खारिज करते हुए वहां के लोगों को इसके खिलाफ मतदान करने की सलाह दी।
फ्रांस 2011 में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का और नकाब पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाने वाला यूरोप का पहला देश था और यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने साल 2014 में लगे इस प्रतिबंध को आगे बनाये रखा था।
स्विट्जरलैंड में, नकाब और बुरका के प्रतिबन्ध के लिए मतदान का उपाय काफी वर्षों के संघर्षो की बहस के बाद आया है। बारह साल पहले एक और जनमत संग्रह आया था जिसमें स्विट्जरलैंड में मीनारों के निर्माण की घोषणा की गई थी।
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