भारत बना दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश।
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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, लगभग 18 महीने के आयात और निर्यात को सही करने के लिए को की लॉक डाउन एवं अन्य कारणों पीछे हो गया था जिसको देखते हुए भारत के विदेशी भण्डार को कवर करने के लिए, एक दुर्लभ चालू-खाते की योजना के अनुपालन में अधिशेष द्वारा, जो की स्थानीय शेयर बाजार और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में बढ़ रही मांग और उछाल से प्रभावित हुए है जिसके कारण भारत के मुद्रा भंडार में काफी अच्छा प्रभाव दिखाई दिया है।
इसके पहले विदेशी मुद्रा भण्डार के मामले में भारत रूस देश के विदेशी मुद्रा भण्डार से काफी पीछे था लेकिन भारत में हुए विदेशी निवेश और शेयर बाजार के बढ़ने के कारण भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रूस से आगे निकल गया और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश बन गया, क्योंकि दक्षिण एशियाई देश का केंद्रीय बैंक किसी भी तरह की अचानक आने वाले संकट या covid -19 महामारी आदि जैसे संकट से निपटने के लिए इसके मुकाबले अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचने से बचाने के लिए डॉलर जमा या धनराशि एकत्रित करने के प्रक्रिया जारी रखता है।
भारत और रूस दोनों देशों के लिए आरक्षण के तेजी से बढ़ने के कारण काफी महीनों के बाद इस साल ज्यादातर प्रभावित और सामान्य रहा है। जिसके कारण देश में हो रहे उतार चढ़ाव के कारण हाल के सप्ताहों में भारत की रूसी पकड़ में तेजी से गिरावट आई है।
भारत की केंद्रीय बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक ने शुक्रवार को रूस की 580.1 बिलियन डॉलर सीमा को पार करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत की विदेशी मुद्रा जो 4.3 बिलियन डॉलर से गिरकर 580.3 बिलियन डॉलर हो गई है। दुनिया में चीन देश के पास सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है, जिसके बाद जापान और स्विटजरलैंड अंतरराष्ट्रीय मुद्रा भण्डार की श्रेणी में आते है जो की पहले ,दुसरे , और तीसरे नंबर पर है। लेकिन इसके बाद भारत का चौथा नंबर पर आकर खड़ा हो गया है।
भारत के वाणिज्यकारों सलाहकारों का कहना है कि एक मजबूत भंडार की स्थिति विदेशी निवेशकों और क्रेडिट रेटिंग कंपनियों को यह दिलासा देती है कि सरकार बिगड़ते राजकोषीय के मद्देनजर और चार दशक से अधिक समय में अपने पहले पूर्ण वर्ष के संकुचन के लिए सुधरती अर्थव्यवस्था के बावजूद अपने ऋण दायित्वों को पूरा कर सकती है।
डॉयचे बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक दास ने कहा, "भारत के विभिन्न मुद्रा भंडार उपलब्धता में पिछले कुछ सालों में काफी सुधार हुआ है," नयी जानकारी जारी होने से पहले प्रमुख अर्थशास्त्री ने कहा, "स्वस्थ एफएक्स भंडार की स्थिति से आरबीआई को निपटने के लिए एक पर्याप्त आराम या समय देना चाहिए।
भारत की केंद्रीय बैंक रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने पिछले बीते सालों में, केंद्रीय बैंक के डेटा शो में फॉरेक्स मार्केट में 88 बिलियन डॉलर का खरीदा था।
हाल ही में आई जानकारी के मुताबिक केंद्रीय बैंक RBI की एक रिपोर्ट के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार को भारत में और मजबूत करने की सिफारिश की गई है, 2013 में वर्ल्ड लेवल के टेंपराम के समय में रुपये में झूलों का हवाला देते हुए। जिसके देखरेख और निगरानी अमेरिका द्वारा की जा रही है।
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