अमेरिका के राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार दिनांक 30-04-2020 के द्वारा उनकी क्षमता के माध्यम से उनके
विचार के अनुसार बताया कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी चीन के निजी गलती के कारण
आज पूरे देश में इस भयंकर बीमारी से लाखो लोग संक्रमित एवं म्रत्यु को प्राप्त हो
चुके है, जिस दौरान यह वायरस चीन से शुरू हो कर आज पूरे
विश्व में फैला हुआ है, आज इस वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव अमेरिका की जनता पर
दिखाई दे रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा की वहां के ख़ुफ़िया टीम
चीन से उठे इस वायरस के बारे में गहराई से जाँच कर रहे है की यह आखिर कहा से और चीन
की किस लैब में इसका जन्म हुआ है. उनके द्वारा दी गयी प्रेस वार्ता के दौरान
जानकारी से पता चलता है की वेह इस घटना का पूर्ण सत्य ही लोगो के सामने ला देंगे।
ट्रंप ने कहा की इस बीमारी के फैलने का
जिम्मेदार सिर्फ चीन है क्योंकि ये वायरस उसी की लापरवाही के वजह से पूरे विश्व
में फ़ैल चुका है।
अमेरिकी खुफिया
एजेंसियों के सफल संचालन के लिए क्लीयरहाउस, नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक के कार्यालय के द्वारा कहा गया कि इसने वायरस को मानव द्वारा
बनाये जाने के कथन को साफ़ इनकार क्रर दिया था, उनके अनुसार उनकी
टीम निरंतर कोरोना वायरस के बारे में जानने में लगातार प्रयास कर रही है।
हालांकि
वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना महामारी की संरचना प्राकृतिक बनी हुई है, कि यह बीमारी एक जानवर के द्वारा
मनुष्य में फैली है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प
ने कहा की हम इस बात का दावा करते हुए कहा है की यह वायरस चीन की ही एक लैब में
निर्माण किया गया है तथा इसका परिकेंद्र खुद चीन है।
ट्रम्प ने बताया की अमेरिका की टीम किस तरह उनके दावो को सिद्ध करने
में लगी हुई है.
राष्ट्रपति ट्म्प
ने कहा की जो स्थिति इस समय देशो में बनी हुई है वो बेहद ही सबसे भयानक स्थिति है।
उन्होंने कहा की यह बीमारी एक लापरवाही है या किसी की जानबूझ कर फैलाया गया है इस
बात की पुष्टि शीघ्र ही हो जाएगी व इसका परिणाम भी भुगतना होगा।
इंटेल स्टेटमेंट
में कहा गया है कि संघीय एजेंसियों ने "व्यापक वैज्ञानिक सहमति के साथ कहा कि
ये वायरस एक मानव निर्मित है जिसको किसी शोध के
माध्यम से उत्पन्न किया गया है।
"आईसी यह
सुनिश्चित करने के लिए नई-नई जानकारी को उल्लेखित करने में लगे हुए है की यह सच
में एक बीमारी है या एक किसी शोध का दुष्परिणाम।
बीते कुछ दिनों
में ट्रम्प ने चीन पर अपनी बयानबाजी का क्रम बढ़ा दिया है व आरोप लगाया कि उनके द्वारा फैली यह बीमारी को रोकने में अमेरिका के
राजस्व को काफी क्षति उठानी पड़ी है । अमेरिकी के अधिकारियों ने चीन पर दावा करते
हुए कहा कि इन सब नुकसान की कीमत चीन की सरकार को महामारी से निपटने के लिए चुकानी
पड़ेगी।
उन्होंने ने कहा
की इन सब की बात की जाँच सही क्रम में जारी है जिससे उनको जज्द ही सफलता हासिल
होगी।
विदेश मंत्रालय
के द्वारा नियुक्त प्रवक्ता गेंग शुआंग ने संस्थान के निदेशक, युआन ज़िमिंग के खिलाफ बयान देते हुए
कहा कि शोध प्रयोगशाला जैव सुरक्षा प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू करती है जो किसी
भी रोगज़नक़ को छोड़नेअथवा बाधा उत्पन्न करने में रोकती है।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी बात दोबारा दोहराते
कहा की "मैं फिर से बताना चाहूंगा कि वायरस की उत्पत्ति एक जटिल वैज्ञानिक
मुद्दा है, और इसे वैज्ञानिकों और पेशेवरों द्वारा
अध्ययन किया जाना चाहिए ।
उन्होंने
अमेरिका में उन लोगों की निंदा करते हुए कहा की, जो कहते हैं कि चीन को वैश्विक महामारी के लिए जवाबदेह ठहराया जाना
चाहिए, उन्होंने कहा की महामारी को नियंत्रित करने के
लिए lockdown का पालन ही सबसे अहम है।
व्हाइट हाउस में, ट्रम्प ने इस वायरस के शिकंजे में आये
लोगो के आने के कारण चीन को ही इस घटना का भागी बताया है. देश में वायरस को कम करने के लिए घरेलू यात्रा को प्रतिबंधित नहीं माना
लेकिन देश-विदेश की यात्रा को पूर्णतया स्थगित कर दिया है।
ट्रम्प के
अनुसार इसे "निश्चित रूप से इस बीमारी को समाप्त किया जा सकता था," ट्रम्प ने कोरोना के प्रभाव के दौरान
वरिष्ठों की मदद के लिए अपने प्रशासन के प्रयासों पर प्रसंशा की है"
इस महीने के
प्रारंभ में, ट्रम्प ने लैब के सिद्धांत को संबोधित
करते हुए कहा, "ज्यादर तर हम लोगो के द्वारा कही सुनी
बाते सुन रहे है ।" इस पर राज्य के सचिव माइक पोम्पिओ ने कहा कि , "मात्र तथ्य यह है कि हम जवाब नहीं
जानते हैं - कि चीन हैन "टी ने जवाब साझा किया - मुझे लगता है कि बहुत, बहुत बता रहा है।"
राज्य के सचिव
माइक पोम्पिओ ने चीन पर दबाव डाला कि वह अपनी प्रयोगशाला में अन्य वज्ञानिको को
आने दे ‘’ताकि यह पता चल सकें की वायरस की शुरुआत कहाँ से हुई थी।"
जबकि ट्रम्प और
पोम्पेओ ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा की , एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने इस दावे को विवादित किया कि एजेंसियों
पर चीन द्वारा एक विशेष सिद्धांत को बंद करने के दबाव था। अमेरिका के खुफिया
अधिकारी को सार्वजनिक रूप से इस विषय पर वार्तालाप न करने नाम न सामने आने की बात
सामने आई थी।
वैज्ञानिकों के
अनुसार चमगादड़ में वायरस स्वाभाविक रूप से उत्पन्न हुआ। यह SARS वायरस की संभावित उत्पत्ति व , नए बैट वायरस को खोजने और यह सूचना
एकत्रित करने के लिए कि कैसे ग्राउंडब्रेकिंग अनुसंधान किया है।
पोम्पेओ ने दो
सप्ताह पहले प्रेस वार्ता में कहा कि , "हम जानते हैं कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से कुछ ही दूरी पर
एक गीला बाजार था," जो की एक संभव स्रोत मालूम होता है।
अमेरिकी के अधिकारियों
के अनुसार बीजिंग में अमेरिकी दूतावास ने 2018 में वुहान में स्थित एक प्रयोगशाला
में संभावित सुरक्षा विषयों के बारे में कठिनाई को चिन्हित किया, लेकिन उन्हें अभी तक कोई पुख्ता सबूत
नहीं मिला है जिससे पता लग सके कि लगभग दो साल बाद वायरस का वायरस का पुनः निर्माण
हुआ है।
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