There may be new social media rules by the Government of India.

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Tʜᴇ ɴᴇᴡ ᴄᴏᴍᴍᴜɴɪᴄᴀᴛɪᴏɴ ʀᴜʟᴇs ғᴏʀ WʜᴀᴛsAᴘᴘ ᴀɴᴅ WʜᴀᴛsAᴘᴘ Cᴀʟʟs (Vᴏɪᴄᴇ ᴀɴᴅ Vɪᴅᴇᴏ Cᴀʟʟs) ᴡɪʟʟ ʙᴇ ɪᴍᴘʟᴇᴍᴇɴᴛᴇᴅ ғʀᴏᴍ ᴛᴏᴍᴏʀʀᴏᴡ, Dated- 28-05-2021  : - 01-Aʟʟ ᴄᴀʟʟs ᴡɪʟʟ ʙᴇ ʀᴇᴄᴏʀᴅᴇᴅ. 02-Aʟʟ ᴄᴀʟʟ ʀᴇᴄᴏʀᴅɪɴɢs ᴡɪʟʟ ʙᴇ sᴀᴠᴇᴅ. 03-WʜᴀᴛsAᴘᴘ, FᴀᴄᴇBᴏᴏᴋ, Tᴡɪᴛᴛᴇʀ, Iɴsᴛᴀɢʀᴀᴍ ᴀɴᴅ ᴀʟʟ sᴏᴄɪᴀʟ ᴍᴇᴅɪᴀ ᴡɪʟʟ ʙᴇ ᴍᴏɴɪᴛᴏʀᴇᴅ. 04-Yᴏᴜʀ ᴅᴇᴠɪᴄᴇs ᴡɪʟʟ ᴄᴏɴɴᴇᴄᴛ ᴛᴏ ᴛʜᴇ Mɪɴɪsᴛʀʏ sʏsᴛᴇᴍ. 05-Tᴀᴋᴇ ᴄᴀʀᴇ ɴᴏᴛ ᴛᴏ sᴇɴᴅ ᴛʜᴇ ᴡʀᴏɴɢ ᴍᴇssᴀɢᴇ ᴛᴏ ᴀɴʏᴏɴᴇ. 06-Tᴇʟʟ ʏᴏᴜʀ ᴄʜɪʟᴅʀᴇɴ, sɪʙʟɪɴɢs, ʀᴇʟᴀᴛɪᴠᴇs, ғʀɪᴇɴᴅs, ᴀᴄϙᴜᴀɪɴᴛᴀɴᴄᴇs ᴛʜᴀᴛ ʏᴏᴜ sʜᴏᴜʟᴅ ᴛᴀᴋᴇ ᴄᴀʀᴇ ᴏғ ᴛʜᴇᴍ ᴀɴᴅ ʀᴀʀᴇʟʏ ʀᴜɴ sᴏᴄɪᴀʟ sɪᴛᴇs. 07-Dᴏ ɴᴏᴛ sᴇɴᴅ ᴀɴʏ ʙᴀᴅ ᴘᴏsᴛ ᴏʀ ᴠɪᴅᴇᴏ ᴀɢᴀɪɴsᴛ ᴛʜᴇ ɢᴏᴠᴇʀɴᴍᴇɴᴛ ᴏʀ ᴛʜᴇ Pʀɪᴍᴇ Mɪɴɪsᴛᴇʀ ʀᴇɢᴀʀᴅɪɴɢ ᴘᴏʟɪᴛɪᴄs ᴏʀ ᴛʜᴇ ᴄᴜʀʀᴇɴᴛ sɪᴛᴜᴀᴛɪᴏɴ. 08-Iᴛ ɪs ᴄᴜʀʀᴇɴᴛʟʏ ᴀ ᴄʀɪᴍᴇ ᴛᴏ ᴡʀɪᴛᴇ ᴏʀ sᴇɴᴅ ᴀ ʙᴀᴅ ᴍᴇssᴀɢᴇ ᴏɴ ᴀɴʏ ᴘᴏʟɪᴛɪᴄᴀʟ ᴏʀ ʀᴇʟɪɢɪᴏᴜs ɪssᴜᴇ, ᴅᴏɪɴɢ sᴏ ᴄᴀɴ ʟᴇᴀᴅ ᴛᴏ ᴀʀʀᴇsᴛ ᴡɪᴛʜᴏᴜᴛ ᴀ ᴡᴀʀʀᴀɴᴛ. 09-Tʜᴇ ᴘᴏʟɪᴄᴇ ᴡɪʟʟ ɪssᴜᴇ ᴀ ɴᴏᴛɪғɪᴄᴀᴛɪᴏɴ, ᴛʜᴇɴ ʙᴇ ᴘʀᴏsᴇᴄᴜᴛᴇᴅ ʙʏ Cʏʙᴇʀ Cʀɪᴍᴇ, ᴡʜɪᴄʜ ɪs ᴠᴇʀʏ sᴇʀɪᴏᴜs. 10-Aʟʟ ʏᴏᴜ ɢʀᴏᴜᴘ ᴍᴇᴍʙᴇʀs, ᴍᴏᴅᴇʀᴀᴛᴏʀs ᴘʟᴇᴀsᴇ ᴄᴏɴsɪᴅᴇʀ ᴛʜɪs ɪssᴜᴇ. 11-Bᴇ ᴄᴀʀᴇғᴜʟ ɴᴏᴛ ᴛᴏ sᴇɴᴅ ᴛʜᴇ ᴡʀᴏɴɢ ᴍ

स्वास्थय मंत्रालय ने कहा प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना का सफल इलाज एक भ्रम


Plasma Therapy Is Not Proven Still In Experimental Stage Says ...
नई दिल्ली और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हाल ही में दिए बयान में ये बताया गया था की प्लाज्मा थेरेपी कोरोना के इलाज में मददगार साबित हो रही थी जिसके कारन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने लोगो से प्लाज्मा थेरेपी के लिए प्लाज्मा दान करने की अपील भी थी लेकिन फिलहाल वर्तमान समय में इस थेरेपी को अभी पूर्णता सफल नहीं बताया गया है, तथा स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् ने राज्य सरकारों को सावधान होने को कहा है। मंत्रालय के अनुसार ये बताया गया है की प्रयोग अभी अपने चरण में है उसकी निरंतर टेस्टिंग और शोध किया जा रहा है ताकि हम जल्द से जल्द इलाज संभव कर सके। और इस बात का कोई परिणाम नहीं है कि इस थेरेपी का इस्तेमाल कोरोना वायरस के खिलाफ ही करंगे। जब तक इस थेरेपी का वैज्ञानिको द्वारा सफल शोध नहीं कर लिया जाता तब तक इस थेरेपी का उपयोग पूर्णता गैर कानूनी है
no evidence that Plasma therapy can be used as a treatment: Health ...
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख सचिव लव अग्रवाल के अनुसार भारत समेत पूरी दुनिया इस कोरोना वायरस के चपेट में है तथा किसी भी देश की पास इसका सफल इलाज उपलब्ध नहीं है। भारत में हर शोध संस्थान में covid-19 के ऊपर शोध चल रहा है जिसमे प्लाज्मा थेरेपी भी शामिल है। अभी यह यह ट्रायल स्तर पर है और इस बात का कोई परिणाम नहीं की कोरना मरीज इसके इलाज से पूर्णता ठीक हो जायेगा। यहाँ तक की अमेरिका की फेडरल ड्रग एजेंसीज भी प्लाज्मा थेरेपी को एक प्रयोग के रूप में देख रही है। मालूम हो की दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र व बंगाल आदि समेत कई राज्यों ने प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना के इलाज के उपयोग में लाने के लिए मंत्रालय से अनुमति मांगी थी। लेकिन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् ने अपनी ओर से गाइडलाइन्स जारी करते हुए कहा कि प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग से पहले उसे ड्रग कंट्रोलर जनरल और इंडिया से जरूरी अनुमति लेनी होंगी। कुछ बड़े अस्पतालों में प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना के इलाज में सफल होने के दावे के बाद राज्यों में इसे इलाज में उपयोग में लाने की होड़ लग गयी। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् के अनुसार, बिना किसी पुख्ता प्रमाण के प्लाज्मा थेरेपी का कोरोना के इलाज में मरीज के लिए खतरनाक भी हो सकता है। प्लाज्मा थेरेपी कोरोना के इलाज में कितनी अच्छी साबित हो सकती है?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना ...
इसका शोध भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् द्वारा निरंतर वैज्ञानिको द्वारा बड़े पैमाने में किया जा रहा है। इसके नतीजे आने तक सभी राज्यों से इसके इलाज व इसके प्रगोग से बचने की सलाह दी गयी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् ने बताया  की इसमें एंटीबॉडी की मात्र सबसे अहम् है। यदि पर्याप्त मात्र में एंटीबॉडी की मात्रा और उसकी गुणवत्ता उपलब्ध नहीं हुई और तो मापदंड के मुताबिक यह खरा नहीं उतरेगा। यही नहीं किसी एक व्यक्ति का प्लाज्मा दूसरे व्यक्ति में डालने पर इन्फेक्शन भी हो सकता है। जो शरीर के अंगो को नुकसान भी पंहुचा सकता है
ANI on Twitter: "Lav Agarwal, Joint Secretary, Health Ministry ...
सरकार ने कोरोना के ऐसे मरीजो को जिनको कोरोना के हल्के-हल्के लक्षण प्रतीत हो रहे है उनके लिए कहा है की वे अपने इलाज के दौरान अपने घर पर ही रहे, तथा जिनपे वायरस का प्रभाव कम हो तो उनको घर पर ही रहने की अनुमति प्रदान की गयी है ,ऐसा सरकार ने अपनी गाइडलाइन्स जारी करते हुए कहा है। इसके बावजूद भी मरीज को लिखित में आश्वासन देने को कहा है, अगर किसी की ओर से कोई भी लापरवाही हुई तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी जिसका जिम्मेदार वो खुद होगा.           

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